कोई टाइटल नहीं
पहले तो तुम ऐसे नहीं थे पहले तो तुम ऐसे नहीं थे क्या हुआ क्या हुआ ऐ सनम क्यूं बदल गये पहले तो तुम ऐसे नहीं क्या हुआ ,कु…
पहले तो तुम ऐसे नहीं थे पहले तो तुम ऐसे नहीं थे क्या हुआ क्या हुआ ऐ सनम क्यूं बदल गये पहले तो तुम ऐसे नहीं क्या हुआ ,कु…
क्वी त् होलि नजर मा तेरा हमरि भी कखि बात चलावा बात चलावा चलावा चलावा नाति नतणौं की दादी अणबिवाक छोरों की क्वी त् होलि …
Hindi poem दो मनुष्यों के बीच कलह से खिन्नता वस जो शब्द निकले प्रस्तुत कर रहा हूं उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे 23/10/24 …
कंनानक विस्तार चरमोत्कर्ष निष्कर्ष वियोगी होगा पहला कवि अहा से उपजा होगा ज्ञान उमडकर नैयनो से चुपचाप वही होगी कविता …
तन काया है क्षणभंगुर , मन बसेरा मोह का | मोह जगाये काम को , काम जनक है क्रोध का || क्रोध कलह है अरु विनाश, क्रोध व्याप्ति…
** ज्ञान गुफा** सोच रहा हूँ हर पल हर क्षण क्या कहूँगा हरि से जाकर जग में रहकर क्या किया कितनों के मैंने प्राण हरें कितनौं …
अंकिता भण्डारी या राम मंदिर समझ नि ओणि कनैं जौं कैकि सूणूं कैमा लगौं , माना कि वोट त् मोदी कु ही जांण पर चूजा मूजा …
शिथिल होकर रक्त सभी की धमनियों में जम गया या किसी में कुछ सांस बाकी है क्या क्षीण होकर बिखर गया साहस सभी का या किसी में…