|| चौंनदकोट्या बाँध || chaunkotya band || garhwali kavita

 

|| चौंनदकोट्या बाँध ||
न उचि लयां भैजी ,
न निशि मेकै ल्याण
हो रात्यू कि उज्याऴि ,
जी जुनख्यालि बाँध
सलाणी चौंनदकोट्या बाँध
वी मैके ल्याण वी मैके ल्याण

विकि घुघति सि सांखि 
हो रतन्यऴि आंखि 
मुखड़ि म हो उलार
जी नारंगी सि दाणी
हाँ दिखणें हो जूनि समान
वी मेके ल्याण वी मैके ल्याण

तूम अकवक्यू म,
सुधि हां न बुल्याऊं
पेलि भलू के दिख्यां,
तब हां हुं कर्याऊं
जी रिश्ते कि बात
वी मेके ल्याण वी मैके ल्याण

वा सासु कि न्यारी ,
हो सैसुरे की प्यारी
द्युरो थे मजाक,
जी सैते कश्यारि
जी माने हो रामी समान
वी मेके ल्याण वी मैके ल्याण
C@r अतुल शैली🌹

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