# रुपरेखा
# ताम्बे के फायदे
# ताम्बे का इतिहास
रूपरेखा
स
मय के साथ- साथ वस्तुओं का महत्व कितना बदल जाता है! इसका अंदाजा यंही से लगाया जा सकता है कि एक समय था जब ताम्बे की गागर या कोई भी ताम्बे का बर्तन घर में होना अनुवार्य माना जाता था किन्तु आज समय बदल रहा है
आज ताम्बा जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हर प्रकार से लाभदायक है उसकी जगह स्टील या पलास्टिक जैसे बर्तन लेने लगे हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हर तरह से हानिकारक है
आज ताम्बा जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हर प्रकार से लाभदायक है उसकी जगह स्टील या पलास्टिक जैसे बर्तन लेने लगे हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हर तरह से हानिकारक है
गागर से अंदाज लगाया जाता था कि दुल्हन पक्ष ने कितनी बड़ी और कितनी भारी गागर पुत्री को भेट में दान स्वरूप प्रदान की है
समय के साथ कितना कुछ बदल जाता है वस्तुओं का महत्व हालांकि हम सब जानते हैं कि ताम्बे के बर्तन का पानी सदेव निरोगी माना जाता रहा है और इसी कारण पिता द्वारा पूत्री को ताम्बे की गागर भैट स्वरूप प्रदान की जाती रही है ताकि वो खुद भी और अपने पुरे परिवार को निरोगी और स्वस्थ रख सके, जैसे कि आप शायद बखूबी जानते होंगे कि ताम्बे और मिट्टी के बर्तनो का प्रचलन द्वापर युग से चला आ रहा है जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए हर प्रकार से लाभदायक मानें जातें थे!
ताम्बे के फायदे
यूँ तो ताम्बा सभी धातुओं में सर्वश्रेष्ठ धातु मानी जाती है और इसे सूर्य धातु का प्रतीक भी माना जाता है इसके अलावा ताम्बे के बर्तन का पानी पीने से कई प्रकार के रोग भी स्वत; ही कट जाते हैं !
जैसे पेटदर्द गैस कब्ज हाजमा ताम्बे के बर्तन का रोजाना खाली पेट पानी पीने से चेहरे पर चमक बनी रहती है
इसी कारण पिता द्वारा पूत्री को ताम्बे का बर्तन एक अद्वितीय है स्वरूप ध
ताम्बे का इतिहासमानव द्वारा ताम्बा प्रयोग में लाये जाने वाली पहली धातु है इसका अंदाजा यही से लगाया जा सकता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया जाता है कि ( सतयुग में लोग सोने के बर्तनों का त्रेता युग में चाँदी और द्वापर युग में ताम्बे का उपयोग किया करते थे! युँ तो भारत में ताम्बा प्रचूर मात्रा में पाया जाता है किन्तु इतिहासकारों का मानना है कि मिस्र में ईसा से 3100 पूर्व ताम्बे का उपयोग सर्वप्रथम किया गया
कोरोना काल में सैकड़ों लोग ताम्बे के बर्तन का पानी पीने से से स्वस्थ रहे अपितु कोरोना जैसी विशवबिख्यात बीमारी से भी बचे