काव्य संग्रह
शीर्षक : ना जाने कब बिछड़ने
मुक्मल कर दिजिए
दिल की तमाम हसरतें
नाजाने कब बिछडने
के पैगाम आ जाये
इल्म किसे इस इश्क़ पर
क्या पता कब जनाब के
लवो पर इकार का नाम आ जाये
हम तो बस इतनी सी
दुआ करते हैं रब से
आपकी जिंदगी में भी
बहारों का मुकाम आ जाये
अब उनकी हर सौगात
हमारे लिए दर्दनाक बनकर रह गयी
उनका हर दिलचस्प ख्वाब
हमारे लिए सिर्फ
ख्वाब बनकर रह गयी
हम कब जुदा थे उनसे
उनकी कल की हुई बात
आज हमारे लिए
सिर्फ याद बनकर रह गय
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get it done
all the laughs of the heart
when to part
let the message come
Whose love is this
Do you know when?
Ikar's name should come on lvo
we are just like that
pray to lord
even in your life
come the spring
............................................................. Now every gift
became painful for us
all their interesting dreams
only for us
became a dream
when we parted
what happened yesterday
for us today
just a memory