हसरतें,

जब जब जमीं पर रखूं पांव अपने,
तू कदम से कदम मिलाकर मेरे साथ चलना,

कभी उड़ने की कोशिश में आकाश को देखूं,
तो तू मेरे सपनों को नये पंख देना ,

कभी दिल अपने और परायों में उलझ जाए,
मै हूं ना, कहकर मुझे अपना लेना,

कभी तन्हाई में महफ़िले तलाशू ,
तुम बनकर रौनक मेरी जिंदगी में आना,

दिल कि ऐ तमाम हसरतें  दिल में ना रह जाए,
बनकर हकिकत तुम मेरी जिंदगी में आना,

हो जाए इश्क तुमसे बेपनाह हमको,
तुम बनकर इश्क रूहानी मेरे खुदा बन जाना,


                _  संगीता थपलियाल,_

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