बस एक मुलाकात हो जाए,

हिन्दी कविता

बस एक मुलाकात हो जाए


कुछ भी तो नही रहा पहले जैसा,
सब कुछ बदल गया है,
लोग बदले, दोस्त बदले, गांव बदल गया है,
बस धुंधली सी यादें साथ चलती है,
किसी बिछड़े हुए से मिलने कि उम्मीद रहती है,

कहने को सब है यहां,
बस एक तेरी कमी है,
ऐ काश कि तुम आओ मुझसे मिलने,
और बरस जाए वो सावन फिर से,

तुम्हारे नाम से छेड़ेंगे मुझे,
 गांव के लोग सारे,
गांव कि गलियों में सुनाई देंगे,
अल्हड़ जवानी के किस्से पुराने,

थकती हुई आंखों ने देखा,
क्या हंसी ख्वाब है,
तुम्हें खबर भी नही ,
तुम्हारे नाम से जो मशहूर हो गया,
हां, वो इश्क अब रुहानी हो गया,

ऐ काश कि तुम्हें खबर हो जाए,
ख्याली इश्क अब हकिकत बन जाए,
जो बेकरारी है तुमसे मिलने कि,
वो अब आखिरी हो जाए,
बस एक मुलाकात हो जाए,


                 
                     _ संगीता थपलियाल, _ 

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