ब्योली खुजैं द्या

 क्वी त् होलि नजर मा तेरा 

हमरि भी कखि बात चलावा 

बात चलावा चलावा चलावा 

नाति नतणौं की दादी 

अणबिवाक छोरों की 

क्वी त् होलि जी क्यों त् होलि 


देखा हेरा कखि बात चलावा 

भलि सि नोंनि कि टीप मंगावा 

जैंका ख्वाब नि हो मैंगा 

दिल्ली मकान खुज्यों ना 

क्वी त् होलि जी क्यों त् होलि 


दान दहेजु की बात ना करयां

कुछ नि चैंदु कुछ ना मंग्यां

केकि टीबी फ्रिज ना गैंणा

बस नौनी भलि चयेन्दा 

क्वी त् होलि जी क्यों त् होलि 


 कुई त् होलि जी भाग मा मेरा 

अल्मोड़े शेरें या चौंन्दकोट्या 

दिख्या भ्राडि का सैंणां 

 कुई सरुलि कुमेणां 

क्वी त् होलि हां क्यी त् होलि

 ©® देवीसिंह गढ़वाली 


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