सुनो ना,
इतनी भी क्या बेरूखी हमसे,
चलो माफ कर दो ना,
नादान थे जो रूठे तुम से,
अब तुम भी मान जाओ ना,
छोटी सी है जिंदगी,
खुश रह कर इसे बिताये क्या,
सुख दुख के हम साथी,
ताउम्र इसे निभाये क्या,
इतनी भी क्या बेरूखी हमसे,
चलो माफ कर दो ना,
_ संगीता थपलियाल,