नया नाता खोजी पुरणो
दगड़्या बिसरी गीं
नया लुखु कि नयी छुयूं मा
दगड्डया म्यारा अळजी गी
नया नाता खोजी
खूब किस्सा पुरणी याद
हंसी हंसी मा भलि छुईं
आज वूंका मन का दास
वूंकी छुईं हुईं छी
नयी बिटि की उधरु गाड़ी
पुरणो दगड़्या बिसरी गी
नयी छुयुं की भलि रस्याण
पुरणो की माया फीकी आज
नयी छुयुं मा अळझी गैल्या
पुरणो का भागा खाली माणू
नया-नयों की नयी छुयुं मा
पुरणा दगड़्या बिसरी गी
नै ऋतु कू नै नवाण
पुरणु बादम भोळ खाण
नै पैरी कि घुमी औंला
पुरणु पैथर पैर्ये जाण
नै नै खैई पुरणु
कुठारुन्द हर्ची गी
Cr@ अतुल शैली