बहुत व्है ग्या जग्वाऴ भैजी
अब फण्डू मार फाऴ भैजी
भण्डी ह्वै गी लोक डाउन का त्योहार भैजी
अब ना लगा खुटऴि दिया
अब चा तै पापी पेट कू सवाल भैजी
बहुत ह्वे ग्या अब जग्वाऴ भैजी
बाटा तरसी गी तैरी श्री खुट्यु थे
लोग खुदैणा व्हाला सी भली मुखडी कै
तु भी कतगै बैरी पैटी ह्वैली
पर अब ना रोक उमाऴ भैजी
औ पौच्छ अब सभ्माऴ
अपणु सम्मान भैजी
बहुत ह्वे ग्या जग्वाऴ भैजी
बहुत मिल गै तू अपणों थै
बहुत दिखै गी पहाड़ भी
भिण्टै गी स्ये बाटो गारा से दीदा
अब ऐ ग्या दैख बुग्याऴ भैजी
अब बहुत ह्वे जग्वाऴ भैजी
ईन ना हो कि कखी अबैर ह्वै जा
ईन ना हो कखी कुई पैरु पौंड जा
चट पैट झट पौच्छ कखी हरची
ना जा तेरी पच्छ्याण भैजी
बहुत ह्वैग्या जग्वाऴ भैजी